गुरुर/बालोद से खोमेश्वर गुरूपंच🖋️:- नगर से ग्रामीण क्षेत्रों में लक्ष्मी पूजा के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा का त्यौहार धूमधाम के साथ मनाया गया। कृषकों व पशुपालकों ने गोवर्धन पूजा की। लोग सुबह से ही अपने गाय व बैलों को तालाब व नदी में नहालाकर पूजा-अर्चना कर खिचड़ी खिलाई, जिसके बाद आतिशबाजी भी की गई।
ग्राम टेंगना बरपारा मे भी साहू परिवार द्वारा सामूहिक रूप से गोवर्धन पूजा अर्चना करके गायों को खिचड़ी खिलाई गई।
क्षेत्र के प्रतिष्ठित पीमन साहू ने कहा कि गाय को मां लक्ष्मी का रूप माना जाता है, यह हमारी पुरानी परंपरा है, हम वर्षो से इस परंपरा के अनुसार यह पर्व मनाते चले आ रहे हैं।
जिला पंचायत बालोद सभापती ललिता पीमन साहू ने भी गोवर्धन पूजा के अवसर पर अपने निवास की गौवंश की पूजा-अर्चना की और अपने हाथों से खिचड़ी और गुड़ खिलाया। उन्होंने इस मौके पर प्रदेशवासियों की सुख, समृद्धि और खुशहाली की कामना करते हुए गोवर्धन पूजा की शुभकामनाएं दी।
सभापती ललिता पीमन साहू ने कहा कि गोवर्धन पूजा गौवंश के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का पावन दिन है। गोवर्धन पूजा गौवंश की पूजा-आराधना के साथ ही गौवंश की सुरक्षा और सेवा का संकल्प लेने का पर्व है।
इसके पहले विकासखंड के सभी गांव में भगवान शिव-पार्वती का प्रतीक माने जाने वाले गौरी-गौरा की मुर्ति स्थापित कर उनकी पूजा अर्चना की गई। तत्पश्चात गांव की गलियों में शोभायात्रा निकाल कर मूर्ति का विसर्जन किया गया, जो शनिवार की सुबह से दोपहर तक विसर्जन का सिलसिला चलता रहा। शोभा यात्रा के दौरान ग्रामीण बड़ी संख्या में विसर्जन स्थल तक पहुंचे थे।
इसके पहले गुरुर सहित ग्राम छेदीया, धनोरा, भिरइ, पुरुर, पलारी, कँवर, अर्जुनी, कोचवाही, धनेली सहित अन्य गांव मे सुआ नाचने की परंपरा निभाइ गई। महिलाओं और बच्चों की टीम द्वारा गली-मोहल्लों में घूम-घूमकर सुआ नृत्य प्रस्तुत किया गया, जँहा बदले मे लोगो द्वारा खुशी खुशी उपहार स्वरूप अनाज, नगद, कपड़ा आदि भेंट दी गई।