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MDA की दवाई खाकर अपर कलेक्टर, जिला सीईओ ने किया अधिकारी कर्मचारियों को प्रेरित

बालोद। फाईलेरिया मुक्ति अभियान के तहत मोबाइल टीम द्वारा जिला कलेक्टर ऑफिस मे चंद्रकांत कौशिक अपर कलेक्टर, और जिला पंचायत मे डॉ. संजय कनौजे मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला बालोद द्वारा MDA की दवाई स्वयं खाकर अपने अधीनस्थ अधिकारी, कर्मचारियों को भी प्रेरित किया।

संचालनालय स्वास्थ्य सेवायें छ.ग. रायपुर के निर्देशानुसार भारत सरकार कें द्वारा वर्ष 2027 तक पूरे देश कें सभी प्रदेशो कों फाईलेरिया मुक्त किये जानें हेतु लक्ष्य रखा गया है। फाईलेरिया उन्मूलन गतिविधियों में सामूहिक दवा सेवन अभियान दिनांक 27 से 02 मार्च 2025 को बुथ में तथा दिनांक 03 से 10 मार्च 2025 को घर-घर भ्रमण द्वारा एवं दिनांक 11 से 13 मार्च 2025 तक मॉप-अप राउण्ड में (सामुहिक दवा सेवन अभियान एवं कृमि मुक्ति कार्यक्रम) सम्पादित किया जा रहा है।

“फाइलेरिया रोग के उन्मूलन हेतु आयोजित होने वाले सामूहिक दवा सेवन (मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन) कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य यह था कि, फाइलेरिया रोग की गंभीरता को मीडिया सहयोगियों के माध्यम से जन-समुदाय में अधिक से अधिक प्रचारित किया जा सके, जिससे लोग इस गंभीर बीमारी के बारे में सही और महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकें और फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन करके इस रोग से स्वयं और अपने परिवार को बचा सकें।

बालोद जिले के (मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी) डॉ.एम.के. सूर्यवंशी ने बताया कि कार्यक्रम के दौरान जिले के कुल 924348 लाभार्थियों को फाइलेरिया से सुरक्षित रखने के लिए फाइलेरिया रोधी दवाओं की निर्धारित खुराक, प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा बुथ में और घर-घर जाकर, अपने सामने खिलाई जाएगी। दवाओं का वितरण बिलकुल भी नहीं किया जायेगा। इन दवाओं का सेवन खाली पेट नहीं करना है। 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और अति गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों को ये दवाये नहीं खिलाई जाएगी। फाइलेरिया रोधी दवाएं पूरी तरह सुरक्षित हैं। हालांकि इन दवाओ का कोई विपरीत प्रभाव नहीं है परंतु अगर किसी को दवा खाने के बाद उल्टी, चक्कर, खुजली या जी मिचलाने जैसे लक्षण होते हैं तो यह इस बात का प्रतीक हैं कि उस व्यक्ति के शरीर में फाइलेरिया के परजीवी मौजूद हैं, जो कि इन दवाओ के सेवन के उपरांत इन परजीवियों के मरने के कारण उत्पन्न होते हैं । सामान्यतः ये लक्षण स्वतः समाप्त हो जाते है परंतु ऐसी किसी भी परिस्थिति के लिए प्रशिक्षित रैपिड रिस्पॉन्स टीम तैनात है और उन्हे तुरंत उपचार के लिए तुरंत बुलाया जा सकता है।

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