बालोद से खोमेश्वर गुरूपंच की रिपोर्ट.
बालोद सहित राज्य के सभी क्षेत्रों में भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति स्थापित कर विधि विधान के साथ पूजा अर्चना की गई।
जिले के एकमात्र मां दंतेश्वरी मैया सहकारी शक्कर कारखाना करकाभाट में भी भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति स्थापित की गई। जहां पंडित द्वारा पूजा अर्चना एवं अन्य धार्मिक अनुष्ठान कराया गया जिसमें कारखाना के सभी अधिकारी कर्मचारी गण शामिल हुए।
यज्ञ में आहुति देकर की गई कामना
पूजा अर्चना के दौरान मुख्य यजमान के रूप में लोकेश कुमार एवं टिकेश्वरी साहू की उपस्थिति रही। वही यज्ञ हवन में सभी ने आहुति देकर सुख, शांति एवं समृद्धि के लिए कामना की।
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बता दें कि भगवान विश्वकर्मा को सृष्टि के प्रथम शिल्पकार के रूप में जाना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन भगवान विश्वकर्मा की सच्चे मन से पूजा करने से साधक को कार्यक्षेत्र में आ रही बाधा से मुक्ति मिलती है तथा आर्थिक उन्नति का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
जानिए विश्वकर्मा पूजा का महत्व
गौरतलब है कि प्रतिवर्ष कारखानो, दुकानों में या फिर संबंधित स्थलों पर भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति स्थापित कर विधि पूर्वक पूजा-अर्चना की जाती है।
कारखाना में स्थापित मूर्ति की पूजा अर्चना के बाद धार्मिक माहौल में गांव के ही तालाब में विसर्जन किया गया, जहां भगवान विश्वकर्मा को विदाई देने के लिए कारखाना के सभी अधिकारी कर्मचारी का विसर्जन स्थल तक पहुंचे थे।
अधिकारी कर्मचारियों का रहा सहयोग
इस दौरान प्रबंध संचालक राजेंद्र राठिया, महाप्रबंधक लिलेश्वर देवांगन, चंद्रजीत सिंह, केपी सिंह, सत्यजीत, लोकेश, परशुराम, तारण सिन्हा, तमेश, पुनराद यादव, राजकुमार, दीनबंधु, बल्लाराम, अनुज, रोहित सिन्हा, दीनदयाल, फानिश, पुराणिक कारखाना की अधिकारी कर्मचारियों का सहयोग रहा।