गुरुर/बालोद से खोमेश्वर गुरूपंच की रिपोर्ट :-
लाखों की लागत से गुरुर नगर में वन विभाग द्वारा बनाया गया कृष्ण कुंज अब अनुपयोगी साबित हो रहा है।
वन विभाग द्वारा कृष्ण कुंज के मुख्य गेट में ताला जड़ दिया गया है, इसके साथ ही सफाई नहीं होने के कारण यंहा गंदगी, कटीली झाड़ी एवं खरपतवार भी उग आये हैं, इसकी सफाई करने वन विभाग द्वारा किसी प्रकार से ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
बता दे कि शहरीकरण के साथ अब लोगों के लिए उद्यान, बाग-बगीचे अब नहीं के बराबर है। सरकार ने इसी कमी को दूर करने के लिए जिला खनिज न्यास निधि से लाखो खर्चकर कृष्ण कुंज बनाया है, लेकिन गुरुर नगर का कृष्ण कुंज देखरेख के अभाव में अनुपयोगी साबित हो रहा है।
विधायक के निर्देशों का पालन नहीं
गौरतलब है कि कृष्ण कुंज का शुभारंभ के दौरान क्षेत्र की विधायक संगीता सिन्हा ने कृष्ण कुंज की नियमित सफाई, निंदाई, देखभाल करने व सुबह-शाम टहलने हेतु समय निर्धारित करने निर्देशित किया था, ताकि नगरवासी, स्कूली बच्चे एवं आम नागरिक भी इस कृष्ण कुंज उद्यान में भ्रमण कर सके, लेकिन यहां विधायक के निर्देशों का पालन नहीं हो रहा है।
विभिन्न प्रजाति के लगाए गए है पौधे
कृष्ण कुंज उद्यान लोगों के लिए आत्मिक शांति और खुशनुमा वातावरण का एक उचित माध्यम था, क्योकि यंहा कृष्ण कुंज में लोगों के जीवन उपयोगी व लोक संस्कृति और पर्व पर पूजे जाने वाले पेड़-पौधे लगाए गए हैं।
वन परिक्षेत्र गुरूर से जानकारी के मुताबिक यहां 41 प्रजाति के पौधे रोपे गए हैं, यहां विलुप्त हो रहे सिंदूरी, रामफल, डूमर, रुद्राक्ष, हनुमान फल, लसोड़ा, चीकू, लाली चंदन, पलाश, कृष्ण बरगद, भेलवा, कोलियरी, शहतूत, कदंब, महुआ, ऑस्ट्रेलियन बबुल, परिजात, बहेड़ा, गरुड़ सहित अन्य प्रजाति से पौधे लगाए गए हैं।
कृष्ण कुंज में ताला लटकना अनुचित
मामले में वन परिक्षेत्र अधिकारी हेमलता उइके से चर्चा करने की कोशिश की गई, लेकिन उनके द्वारा फोन रिसीव नहीं करने से संपर्क नहीं हो पाया।
वही जनपद पंचायत गुरुर वन स्थाई समिति के सभापति पालसिंह भुआर्य का कहना है कि शासन ने जिस उद्देश्य के साथ इस योजना का शुभारंभ किया था उसका लाभ मिलना चाहिए। कृष्ण कुंज में ताला नहीं लगना चाहिए क्योंकि यहां सुबह शाम टहलने के लिए या फिर पेड़ पौधों से संबंधित अन्य जानकारी के लिए खुला रखना चाहिए।